The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
जरत सुरासुर भए विहाला shiv chalisa lyricsl ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
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प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
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ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥